शुक्रवार, 4 मई 2018

"how to be happy all the time in hindi"



              "how to be happy all the time in hindi"  


           "हसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्बाद किया हुआ दिन है "चार्ली चैपलिन

   हम सभी खुश रहना  चाहते है परन्तु जिंदगी की  भाग दौड़ व stress में  यह ख़ुशी  कही गुम    होने लगती है | और अश्चर्यजनक  बात यह  है कि यह ख़ुशी  हमारे अपने ही हाथ में होती है|  अपने आस पास यदि हम नज़र दौड़ाये तो अदिकांश चेहरों  पर हसीं  तो  दूर मुस्कुराहट भी देखने को  नहीं  मिलेगी|  दूसरी और  यदि   हम   बच्चो   की  ओर  देखे  तो  वह सभी  खुश व अपनी नन्ही सी  दुनिया  में  मस्त  दिखाई देंगे | ऐसा क्यों  होता है  कभी हमने  सोचा  है ,शायद  नहीं | कारण   बहुत साधारण  सा  है  |जैसे २ हम उम्र में  बड़े होते जाते है  हमारा ध्यान  जीवन की छोटी से लेकर बड़ी परेशानीयो  में केंद्रित होता चला जाता है और हम यह भूल जाते है कि जीवन के और भी सुखद  पहलू  हो सकते है जिन्हे हम  अपनी जीवन शैली व   सोच में परिवर्तन ला  कर बड़ी आसानी    से  जी  सकते है
          कुछ studies में यह पाया गया है कि |हमारी ख़ुशी का भौतिक सुखो व धन दौलत से कुछ लेना देना नहीं है और यह बात काफी हद तक सही भी  है  | मैं स्वयं इस बात का अनुभव कर चुकी हू | हमारे घर के पीछे एक कोठी बन रही थी जहां काफी मजदूर  काम पर लगे रहते  थे | सारा दिन काम करने के बाद वह रोज रात को  किसी भी कनस्तर या डिब्बे पर  थाप  देते हुए मस्ती से गाते रहते थे और उन सभी के चेहरो पर एक अलग सी ही मुस्कराहट होती थी | कहने का अभिप्राय यह है कि क्या हम कोशिश करे तो खुश रहना असंभव होगा ,शायद नहीं | तो चलिए आज हम बात करते है कैसे हम अपने जीवन में खुशीया ला सकते है  |




       सकारात्मक सोच (positive thinking ) 
    १ यदि हम अपनी सोच  को  सकारात्मक बनाने  की आदत डाल ले तो न केवल हम सदैव खुश रहेंगे बल्कि इससे हमारा   स्वास्थ्य भी बढ़िया रहेगा और  बिमारीयो  से लड़ने की शक्ति  भी बढ़ेगी  |
   २ जीवन में मिली  हार को लेकर सोचते रहने से केवल चिंता व तनाव ही मिलेगा जिससे न केवल डिप्रेशन बल्कि और भी कई  तरह के रोग होने की संभावना रहती है | 
 ३ जिंदगी से मिली हार को यदि हम इस नज़रिये से  देखे  कि हमने कहाँ और  कैसी गलती की   तो वही हार आगे जा कर हमारे लिए बहुत बड़ी जीत का कारन बन सकती है | यदि हमने  कभी हार का सामना ही  नहीं किया तो   जीतने की धुन भी  कम होती जाएगी | 
४  क्या कभी चींटी को आपने ध्यान से देखा है ?वह मुँह में कुछ लेकर दीवार पर चढ़ने की कोशिश करती है और   इस कोशिश में वो काफी बार असफल होती है पर फिर भी वो हताश नहीं होती और लगातार प्रयास करती रहती है जबतक कि  सफल नहीं हो जाती | चींटी भले ही  शारीरिक रूप से छोटी है  पर उसके  हौसले  कितने  बुलंद है यही  सीख हमारी भी प्रेरणा  का स्त्रोत होना चाहिए | 
५ पॉजिटिव  सोच  को यदि हमेशा सामने  रखे तो जिंदगी  के काफी बड़े  झटके  भी हम  सहने की हिम्मत कर   सकते है 
    अंततः  यहा मै Nelson Mandela  के विचार उदृत करना चाहूंगी "The  greatest in living lies not in never falling,but in rising every time we fall " अर्थात जीवन की सबसे बड़ी महिमा कभी  गिरने में निहित नहीं बल्कि हर बार हमारे गिर कर उठने में है |   

           नज़रिया बेहतर तो सब कुछ बेहतर 

  १ मनुष्य  का यह प्रकृतिक  स्वभाव है की वह पॉजिटिव बातो को कम व नेगेटिव  बातो को अधिक याद रखता 
   है अतः खुश   रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपने   दिमाग  को  ठीक तरफ लगाए | 

 २ अपने नज़रिये को बहतर बनाने के लिए अपने दिमाग को occupy रखे | जीवन के जो भी गोल्स (goals ) 
   आपने सेट  कर  रखे  है उन पर काम करते रहे  और साथ २  हल्का फुल्का मनोरंजन  जैसे कुछ न कुछ          गुनगुनाते  रहने  से भी आप हमेशा अपने आप को खुश पाएंगे | और इसका  प्रभाव आपके चित के साथ २ आपके शरीर व  दिमाग पर भी दिखाई देगा | 

छोटी २ सफलताओ  को भी सेलिब्रेट करे| 

४ दिन में एक बार यदि आप   बच्चे की   तरह  खेलते - कूदते है ,या  गाते है या फिर कैसा ही पागलपन जिसमे 
बच्चो जैसी मस्ती हो करते है तो यकीनन आप में एक अजीब सी खुशी  की  लहर  दौड़ेगी  जो दिन भर  के स्ट्रेस को भी रफ़ुचकर कर   देगी | 

meditation करे -मैडिटेशन  आपके ब्रेन के उस  हिस्से  को  परिवर्तित  करने  में   मदद    करता है जिसे  इंसुला  कहते है  जो दुसरो के प्रति हमारी understanding को बढ़ाने में मदद करता है अर्थात  धीरे २ हमे दुसरो को समझने में मदद मिलती है |एक तरह की शांति व  ख़ुशी सी भी हमारे  मन में  रहती है और दुसरो के प्रति   हमारा क्रोध भी कम होने लगता है |  मैडिटेशन के अलावा  यदि हम सच्चे मन से प्रेयर करते है या फिर योग करते है तो इसका भी हमारे दिल व दिमाग पर बहुत अच्छा असर पड़ता है |


    अपने विशेष गुणों को पहचाने 
 १ अपने लक्ष्य की और बढ़ने से पहले  यह विचार कर  के  देखे कि  आप  को  वहाँ  तक पहुंचने  के लिए किन 
     बातो में माहिर होने की आवश्यकता है |
 २   अब  आप  उन बातो की  और ध्यान दे   कि  इनमे से   कौन २ सी  विशेषताएं  आप में है व  कौन २  सी  स्किल्स है जो आपको  सीखनी है और उसे  सीखने  के कौन २ से तरीके है | 
    इस  तरह  से यदि समझदारी  से  आप अपने लक्षय की तरफ बढ़ेंगे तो हताश नहीं होना पड़ेगा |


   
     उपेक्षाओ  व  प्रतिक्रियाओ  से बचे 
   १ यदि कोई आपकी  आलोचना  करता है  तो आप उसे positive way में ले और ध्यान से सोचे कि कही    वह ठीक  तो नहीं और फिर  यदि सच में  वह कमी आप में है तो  उसे ठीक करने की कोशिश करे | परन्तु  यदि      किसी  का स्वभाव  ही दुसरो की  आलोचना करना है तो यह सोच कर आप  खुश रहे कि दुनिया में  अभिनन्दन करने वाले कम   और  आलोचना करने वाले अधिक होते है| 


    मस्त रहे खुद  में व अपने  खुदा में 
१   भगवान कृष्ण ने समत्व योग की बात की थी | इसी  प्रकार से महावीर जी ने   सामायिक की | और इन दोनों का अर्थ समता से है | इनका व्यवहारिक अर्थ है हर हाल में मस्त रहना |  जो व्यक्ति समता ,सरलता ,और सहनशीलता का दृष्टिकोणअपना लेता है वही हर हाल  में मस्त रह सकता है | 

      "फानूस  बन कर  जिसकी हिफाजत हवा  करे | 
      वह शमा क्या  बुझे ,जिसे  रोशन  खुदा करे | "
मस्त रहने  वाले लोग व्यर्थ  की बुराइया न ही सुनते है और न ही  करते  है  इससे  उनकी सोच सकारात्मक बनी  रहती है व चित   प्रसन बना रहता  है |



        हालात  को कभी अपने उपर हावी न होने दे 
१   समझदार व्यक्ति कभी भी अपने हालत को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता |
  २    यह  करना थोड़ा कठिन अवश्य है लेकिन असम्भव नहीं   
 ३     अच्छे  समय में अधिक खुश  व बुरे समय  में हताश न होने की कोशिश करनी चाहिए | 
४       निराशा केवल  चिंता  व  तनाव को जन्म देती है  जिससे  हालत  तो नहीं सुधरेंगे  हाँ हमारा  ब्लड प्रेशर      अवश्य बढ़ सकता है | 


    ईश्वर   के प्रति  आभारी रहे
 १    रिसर्च से  भी यह साबित हुआ है कि  जो लोग विशेष  तौर से ईश्वर के प्रति व समय २ पर अपनों का आभार प्रकट करते रहते है वह प्राय खुश रहते है 
२ ऐसे व्यक्ति depression ,anxiety आदि से दूर रहते है | इसके अलावा उनका दृष्टिकोण जीवन के प्रति पॉजिटिव होता है व उनके रिश्ते भी मजबूत रहते है | 
३ दिन में यदि एक बार भी किसी की मदद  करते है तो उससे  भी एक तरह की आंतरिक खुशी आप महसूस करते है | 



         अपने आस -पास  खुशी को तलाशे 

१  यह जरूरी  नहीं  कि खुशियों    की  तलाश  हमे करनी पड़े | आप प्रकृति  व   उसकी  सुंदरता  को निहारने में बेहद  ख़ुशी  का अनुभव कर  सकते है| 
२ अपने घर  के pet  जैसे कुत्ता या बिल्ली  के साथ कुछ समय  व्यतीत करने  से  भी आप को  काफी अच्छा लगेगा | 
३ अपना मनपसंद  संगीत  सुनने से या  फिर अपने  ऐसे मित्र  से बात करने में भी आप को  ख़ुशी मिल सकती जो काफी खुश मिजाज  हो  | 
      कहने  का तात्पर्य यह है कि हमे अपने  आस पास ही खुशियों  का भंडार मिल सकता है ,जरूरत  है सिर्फ
 छोटी सी कोशिश की | 





   हमेशा  आशावादी बनने  की  कोशिश करे 

हमारी  क्या सोच है यह काफी महत्व रखती है| आशावादी सोच न केवल हमारे स्वाभिमान को बढ़ाती है बल्कि  हमारे जीवन को भी सुखद बनाती  है जिससे न   केवल हमारे व्यक्तिगत रिश्तो पर  बल्कि हमारे सहयोगियों के साथ भी हमारे रिशतो पर   काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है | 
२ नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हर तरफ नकरात्मकता ही फैलाता है जिससे उसके अपने जीवन के साथ २ दुसरो की सोच भी नकारात्मक होने लगती है 
सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति कहेगा चलो कर के देखते है  और जब  सफलता मिलती है तो उसके साथ २ बाकी लोगो को भी उस सफलता से ख़ुशी मिलती है | 
४ अत्यधिक  आशावादी होना भी कभी २ उचित नहीं होता जैसे की बिना सोचे  समझे यदि हम sky  diving  का करने का  निर्णेय ले ले

      निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते है कि  हम अपनी समझदारी व अपने व्यवहार में यदि इस तरह से परिवर्तन लाये तो काफी हद तक  खुशिया पाने में सफल हो सकते है |यहाँ मै  एक बात और कहना चाहूंगी  यदि किसी व्यक्ति  को किसी प्रकार का कोई ग़हरा  सदमा लगा है और किसी भी तरह से वह उससे उभर नहीं पा  रहा तो   उसे अवश्य किसी expert कॉउंसलर के पास जाना चाहिए |  


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